अब हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर आयोजित होगा परिवार नियोजन दिवस

छपरा बिहार स्वास्थ

• परिवार नियोजन के साधनों के प्रति अमजनों को किया जायेगा जागरूक
• कुल प्रजनन दर एवं अपूरित मांग को कम करने के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित
• प्रजनन स्वास्थ्य सेवा को निर्बाध रूप से जारी रखने की आवश्यकता

छपरा,30 अगस्त: आमजन को बेहतर मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य में परिवार नियोजन की भूमिका व परिवार नियोजन के लिए उपलब्ध विभिन्न उपायों के संबंध में जानकारी देते हुये योग्य दम्पतियों द्वारा इच्छित सेवा की तत्क्षण उपलब्धता अथवा पंजीकरण किया जाना है। गर्भनिरोधक के बास्केट ऑफ च्वाइस से आमजन को जागरूक करने तथा परिवार नियोजन सेवा की स्वीकार्यता को अधिक से अधिक लोगों तक अपनाने के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों या प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर प्रत्येक माह के 21 तारीख को परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया जा रहा है। अब हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एपीएचसी एवं एचएससी) पर परिवार नियोजन दिवस आयोजित किया जायेगा। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। एपीएचसी एवं एचएससी पर माह के 21 तारीख को स्थापित परिवार नियोजन परामर्श कक्ष अथवा परामर्श हेतु उचित स्थान को सुसज्जित करने एवं आनेवाले योग्य दम्पतियों के सुविधाओं यथा पेयजल, पंखा, बैठने की व्यवस्था, प्रचार-प्रसार इत्यादि पर किया जाना है।

कुल प्रजनन दर एवं अपूरित मांग को कम करने के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित:

जारी पत्र में कहा गया है कि जनसंख्या स्थिरीकरण के लक्ष्य की प्रतिपूर्ति हेतु परिवार कल्याण कार्यक्रम के माध्यम से कुल प्रजनन दर एवं अपूरित मांग को कम करने एवं गर्भनिरोधक प्रचलन दर को बढ़ाने के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है। कोविड महामारी के परिदृश्य में यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि प्रजनन स्वास्थ्य सेवा को पूर्व की भांति बहाल करने एवं निर्बाध रूप से जारी रखने की आवश्यकता है। वर्तमान संकट के दौर में सेवाओं की अनुपलब्धता के कारण अनचाहे गर्भधारण में कोई भी वृद्धि मातृ मृत्यु दर को प्रभावित करने के साथ-साथ स्वास्थ्य देखभाल तथा नवजात स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। एक अध्ययन के आधार पर परिवार नियोजन की सुविधा सभी महिलाओं को मुहैया कराई जाती है :

• अनचाहा गर्भधारण 70 प्रतिशत तक कम होता है।
• मातृत्व मृत्यु दर 67 प्रतिशत तक कम होता है।
• नवजात मृत्यु दर 77 प्रतिशत तक कम होता है।
• गर्भावस्था / प्रसव संबंधी जटिलता में दो तिहाई तक कमी होती है।

परिवार नियोजन सेवा को आमजन तक पहुंचाने के लाभ

• असुरक्षित गर्भपात कम होता है।
• मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर कम होता है।
• किशोरावस्था में गर्भधारण / प्रसव कम होता है।
• एचआईवी-एड्स से बचाव में सहयोग होता है।
• महिलाओं का सशक्तिकरण एवं शिक्षा में बढ़ोतरी होती है।
• सामाजिक एवं आर्थिक विकास में योगदान होता है।
• महिलाओं की भलाई एवं सामाजिक संरचना बेहतर होती है।

प्रत्येक माह में परिवार नियोजन दिवस आयोजित किये जाने का उद्देश्य:

• कम उम्र में शादी से उत्पन्न समस्याओं से जागरूक करना तथा इच्छित गर्भनिरोधक सेवा की उपलब्धता ।
• नवविवाहित को शादी के कम से कम एक वर्ष के पश्चात गर्भधारण करने हेतु प्रेरित करना तथा चयनित गर्भनिरोधक सेवा की उपलब्धता।

• स्वस्थ माँ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए बच्चों के जन्म में कम-से-कम तीन वर्ष के अंतराल हेतु दम्पति को प्रेरित करना तथा गर्भनिरोधक सेवा उपलब्ध कराया जाना।
• वैसे दम्पति जो परिवार नियोजन अपनाना चाहते हैं पर उपयोग नहीं कर पा रहे को गर्भनिरोधक के विभिन्न उपायों की जानकारी देना तथा इच्छित सेवा उपलब्धता
• अनचाहे गर्भधारण से बचाव की जानकारी तथा गर्भपात के पश्चात अनचाहे गर्भधारण से बचाव हेतु सेवा की उपलब्धता।
• अप्रवासियों परिवार हेतु विशेष परामर्श एवं प्रवास की अवधि अनुसार सेवा की उपलब्धता।
• परिवार नियोजन सेवा के तहत स्थायी एवं अस्थायी उपायों की जानकारी को आमजन तक पहुंचाना।
• चयनित उपायों की तत्क्षण सेवा उपलब्धता अथवा चयनित सेवा हेतु पंजीकरण |

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