नई दिल्ली: छठ महापर्व के दूसरे दिन व्रतियों ने की खरना पूजन, खरना पूजन के साथ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला छठ व्रत शुरू हो गया है. बिहार दिल्ली, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में व्रतियों ने आज शनिवार को पूरे दिन उपवास करने के बाद शाम में खरना का अनुष्ठान किया.
खरना में व्रतियों ने भगवान की पूजा-अर्चना कर सभी के लिए मंगल कामना की और प्रसाद ग्रहण किया. खरना में गुड़ और चावल की खीर बनाकर व्रतियों ने भगवान को भोग लगाया. इसके बाद प्रसाद का वितरण किया गया.
खरना के साथ ही 36 घंटे का निर्जल व्रत छठ पूजा के तीसरे दिन से शुरू हो गया। व्रती महिलाओं ने खरना का भोजन तैयार किया और रात को भोजन ग्रहण किया। इसके बाद निर्जल व्रत शुरू हो गया। मान्यता है कि भगवान सूर्य बुद्धि व आरोग्य के देवता हैं। इनकी आराधना से बुद्धि-विवेक और धनधान्य के अलावा कुष्ठ व चर्म रोग सहित अन्य असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है। 30 अक्टूबर को शाम को डूबते सूरज और 31अक्टूबर को उगते सूरज को अर्घ्य देने के साथ छठ पूजा की कठिन उपासना पूरी होगी।
छठ महापर्व के दूसरे दिन खरना का पर्व
घरों के अलावा घाटों पर भी शनिवार को छठी व्रती महिलाएं स्नान करके खरना का प्रसाद, गुड़-चावल की खीर और रोटी तैयार की। तैयार भोजन को व्रतियों ने ग्रहण किया और उसके बाद बाकि सदस्यों में बांटा गया। इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद ही व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है। मान्यता है कि खरना पूजा के बाद ही घर में देवी षष्ठी (छठी मइया) का आगमन होता।