जुझारू और क्रांतिकारी व्यक्तित्व के धनी थे धर्मनाथ बाबू, पुण्यतिथि पर जुटे लोगों ने दी श्रद्धांजलि

छपरा

छपरा: जिला के अंबेडकरी अभिभावक, शोषितों वंचितों, बेजुबानों की आवाज, प्रख्यात बहुजन चिन्तक धर्मनाथ राम की द्वितीय पुण्यतिथि डॉ अम्बेडकर स्मारक स्थल पर श्रद्धा पूर्वक मनाई गई. उनके अनुयायियों ने तैल चित्र पर माल्यार्पण किया तथा उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रृद्धांजलि दी और उनके बताए रास्तों पर चलने का संकल्प लिया.

इस मौके पर “आजादी की 75 वीं वर्षगांठ और भारत का वंचित वर्ग” विषयक स्मृति व्याख्यामाला का भी आयोजन किया गया. बतौर स्मृति वार्ताकार देवरिया से आए बहुजन चिन्तक व यादव शक्ति पत्रिका के सम्पादक चन्द्र भूषण सिंह यादव ने स्मृतिशेष धर्मनाथ राम के समाज हित मे किये गए उत्कृष्ट कार्यो को अनुकरणीय बताते हुये कहा कि स्वास्थ्य विभाग में नौकरी करने के दरम्यान व सेवानिवृति के बाद भी 80 वर्ष की उम्र तक समाज हित मे अपना तन-मन-धन समर्पित रखा. यह न केवल लम्बे समय तक याद किया जाता रहेगा वरन हमें ऐसा करने हेतु प्रेरित भी करेगा. श्री यादव ने आजादी की 75 वीं वर्षगांठ व वंचित समाज की दशा का खाका खींचते हुये कहा कि देश की आजादी का 75 वां वर्षगांठ अमृत महोत्सव के रुप में मनाया जाना है. लेकिन 75 साल आजादी के बाद शिक्षा मंहगी, रोजगार प्राइवेट और सम्मान वर्णगत/जातिगत होने की तरफ अग्रसर है. उन्होंने कहा कि शिक्षा, रोजगार और सत्ता ही वह हथियार है जिससे वंचित भी अमृतपान कर सकता है।
अपने लंबे व्यक्तव्य में उन्होंने सामाजिक व सांस्कृतिक गुलामी छोड़ वैज्ञानिक सोच अपनाने की अपील की. पूर्व में विषय प्रवेश करते हुए डॉ लालबाबू यादव ने बड़े सलीके से स्व राम के लम्बे सामाजिक जीवन की चर्चा कर उन्हें एक जुझारू और क्रांतिकारी व्यक्तित्व बताया. उन्होंने कहा कि धर्मनाथ बाबू में गजब का साहस था.वंचितों शोषितों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर व सजग रहते. डॉ यादव ने विमर्श के विषय की ओर इंगित करते हुए आगे कहा कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी देश का बहुजन समाज उच्च शिक्षा और सम्मान से वंचित है. उन्होंने समाज को तार्किक बनाने पर बल दिया.

इस अवसर पर ई डीएन दत्ता, प्रो दिनेश पॉल, प्रो बीरेंद्र चौधरी, प्रो योगेंद्र यादव, देवेंद्र राम, भगवान राम, पूर्व जिप उपाध्यक्ष राजेंद्र राय, वार्ड सदस्य विजय कुमार, अशोक कुशवाहा, हरेंद्र मांझी, अधिवक्ता रामराज राम, व्यास मांझी, शैलेंद्र चौधरी, धर्मवीर भारती, मेहंदी हसन, विनोद चौधरी, शैलेंद्र राम, डा शशि रंजन, डॉ मेराज आलम, डॉ शंकर चौधरी, जयप्रकाश रजक, शिक्षिका कल्याणी कुमारी, संगीता कुमारी, रेखा कुमारी, अनन्या कश्यप, श्रीकांत प्रसाद सहित सैंकड़ों लोग उपस्थित रहे. कार्यक्रम की अध्यक्षता अजीत मांझी ने किया. दिवंगत राम के पुत्र चंद्रशेखर कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा की.

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