विश्व मलेरिया दिवस पर जिला एवं प्रखंड स्तर पर चलाया गया जन-जागरूकता अभियान

छपरा बिहार

• रैली और अन्य माध्यमों से लोगों को किया गया जागरूक

• मलेरिया के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी

• सोशल मीडिया के माध्यम से भी फैलायी गयी जागरूकता

संवाददाता- हिमालय राज

छपरा: विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर सोमवार को जिलेभर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को मलेरिया से बचाव के लिए जागरूक किया गया। जिसके माध्यम से लोगों को मलेरिया उन्मूलन के लिए जागरूक किया गया। मलेरिया कार्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान जन-जन का यही नारा है, मलेरिया मुक्त जिला हो हमारा, दूर होगी मलेरिया की बीमारी, जब हम सबकी होगी भागीदारी, मलेरिया से अपने परिवार को बचाओ, मच्छरदानी अपनाओ आदि स्लोगन और नारे के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। साथ ही उक्त कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को मलेरिया से बचाव सहित इसके कारण, लक्षण एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी गई और सामुदायिक स्तर पर लोगों को इससे बचाव के लिए जागरूक भी किया गया।

जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों में मलेरिया मुक्त समाज निर्माण का लिया गया शपथ :

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में सोमवार को शपथ समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें सभी स्वास्थ्य संस्थानों के पदाधिकारी एवं कर्मियों द्वारा मलेरिया मुक्त समाज निर्माण का शपथ ली गई और इस बीमारी से बचाव के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने, जरूरी जानकारी देने समेत अन्य जरूरी निर्णय भी लिये गये।

किसी आयु वर्ग के लोग मलेरिया से हो सकते हैं पीड़ित :

भीडीसी सुधीर कुमार ने बताय कि मलेरिया प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया एक प्रकार का बुखार है जो किसी भी आयु वर्ग के लोगों को हो सकता है। इसमें कपकपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता है। कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है, लेकिन बुखार आते-जाते रहता है। फेलसीपेरम मलेरिया (दिमारी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार होता है। खून की कमी हो जाती है। बुखार दिमाग पर चढ़ जाता है। फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है।

मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का करें प्रयोग :

मलेरिया से बचाव के लिए पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े का अधिक उपयोग करें। सोने के दौरान निश्चित रूप से मच्छरदानी लगाएं। इस बात का सोने के दौरान ख्याल रखें। इसके अलावा घर के आसपास जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें एवं किसी भी कीमत पर जलजमाव नहीं होने दें। जलजमाव वाले स्थान पर केरोसिन तेल या डीजल डालें। घर के आसपस बहने वाली नाले की साफ-सफाई करते रहें।
मलेरिया से बचाव की बातें:

  • मलेरिया से बचाव के लिए घर एवं घर के आस -पास बने गड्ढों, नालियों, बेकार पड़े खाली डब्बों , पानी की टंकियों , गमलों, ट्यूब में पानी एकत्रित न होने दें।
  • जमे हुए पानी में मिट्टी तेल की कुछ बूंदे अवश्य डालें
  • सोते समय मच्छरदानी अथवा मच्छर भगाने वाली क्रीम या अगरबत्ती का प्रयोग करें।
  • मलेरिया से बचाव हेतु डीडीटी या सिंथेटिक पॉयराथॉयरायड छिड़काव में छिड़काव कर्मियों को सहयोग प्रदान करें।
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