नई दिल्ली: दुनिया भर पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है और इसकी जद में सबसे ज्यादा अमेरिका नजर आ रहा है. 40 साल के उच्चस्तर पर महंगाई , ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी और बेरोजगारी दर 53 साल के निचले स्तर पर आना कुछ इसी ओर इशारा कर रही है.
सितंबर में 2.63 लाख लोगों को नौकरियां मिलीं, जो 1969 के बाद का सबसे निचला स्तर है. ऐसे में अब बैंक ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट में बेहद डराने वाली संभावना व्यक्त की गई है. इसके मुताबिक अगले साल की पहली छमाही यानी जनवरी-जून में अमेरिका मंदी की गिरफ्त में आ सकता है.
अगर ऐसा होता है तो देश में हर महीने 1.75 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं.अमेरिका में शेयर बाजार की हलचल हो या फिर अन्य कोई महत्वपूर्ण फैसला. उसका असर पूरी दुनिया पर देखने को मिलता है. भारत को भी अमेरिकी उथल-पुथल बड़े पैमाने पर प्रभावित करती है. ऐसे में मंदी की मार के बीच अगर अमेरिका में इतने बड़े स्तर पर नौकरियां जाती हैं, तो ऐसे भारतीय पेशेवर जो देश छोड़कर वहां नौकरी कर रहे हैं, वो भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. गौरतलब है कि लाखों की संख्या में भारतीय अमेरिका में नौकरी कर रहे हैं. भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों के लिए भी ये परेशानी का सबब बनेगा.