छपरा : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार की महागठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग खुद को जयप्रकाश नारायण का शिष्य बताते हैं, उन्होंने उनकी समाजवादी विचारधारा का त्याग कर दिया है. शाह ने जेपी के नाम से मशहूर जयप्रकाश नारायण के जन्मस्थान सिताब दियारा में एक रैली को संबोधित किया. इससे पहले उन्होंने दिग्गज समाजवादी नेता की 15 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया.
सिताब दियारा बिहार के सारण जिले में है. शाह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, ‘‘वह सत्ता के भूखे हैं और सत्ता के लिए उन्होंने जेपी की विचारधाराओं का त्याग कर दिया और कांग्रेस से हाथ मिला लिया. उनका जेपी की विचारधाराओं से कोई लेना-देना नहीं है.’’ नीतीश ने सात दलों के गठबंधन से राज्य में नयी सरकार बनाई है. शाह ने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा कि केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समाज के गरीब और कमजोर वर्गों के लिए काम कर रहे हैं, जिनके लिए जेपी चिंतित थे.प्रसिद्ध नेता की 120वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे.
अमित शाह ने कहा कि जयप्रकाश का जीवन विशिष्ट प्रकार का रहा. आजादी के लिए क्रांति और गांधी के बताए मार्ग पर लड़े. आजादी के बाद जब सत्ता लेने का समय आया तब एक सन्यासी की भांति विनोबा भावे के साथ सर्वोदय के गतिविधि में जुड़ गए. बकौल शाह, उन्होंने पूरा जीवन देश भर के भूमिहीनों और गरीबों के लिए गुजारा. जब 70 के दशक में भ्रष्टाचार और सत्ता में चूर शासन के अधिकारियों ने देश में जब आपातकाल लगाने का काम किया तब जयप्रकाश जी ने इसके खिलाफ बहुत बड़ा आंदोलन किया.