गरखा, 29 अप्रैल: गरखा प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत राज जलाल बसंत सहित अन्य सभी पंचायतों के मनरेगा कार्य योजनाओं में भारी अनियमितता, भ्रष्टाचार, मनरेगा मजदूरों, जनप्रतिनिधियों के साथ लगातार अन्याय की शिकायत एआईएसएफ बिहार राज्य सह सचिव राहुल कुमार यादव ने मुख्यमंत्री, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव, पंचायती राज विभाग सचिव, सारण जिला पदाधिकारी, उप विकास आयुक्त सारण, सहित अन्य अधिकारियों को पत्र भेजकर किया है. छात्र नेता ने गरखा मनरेगा पीओ पर बड़ा आरोप आरोप लगाते हुए पत्र में कहा है कि गरखा प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी (पीओ) की भेदभाव, मनमानी, कमीशनखोरी, भ्रष्टाचारियों, दलालों को सह देने के कारण जलाल बसंत पंचायत सहित अन्य पंचायतों के मनरेगा मजदूरों की स्थिति भुखमरी वाली व दलालों, भ्रष्टाचारियों की बल्ले-बल्ले है. गरखा मनरेगा पीओ कभी समय से कार्यालय नहीं पहुंचते हैं. उनके कार्यालय में शिकायत पत्र लेने व उनकी मौजूदगी के बारे में कोई भी सही-सही जानकारी देने वाले कर्मचारियों की भी कमी है.
ग्राम पंचायत राज जलाल बसंत सहित अन्य कई पंचायतों में कोरोना महामारी के बाद से बेरोजगारी की मार झेल रहे ग्रामीण मजदूरों को गरखा प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी (पीओ) की मनमानी, कमीशनखोरी, दलालों एवं भ्रष्टाचारियों को सह देने के कारण समय पर ना तो काम और ना हीं समय पर मजदूरों के पैसों का भुगतान किया जा रहा है. मजदूरों को काम देने एवं मजदूरी के पैसों की भुगतान के एवज में गरखा पीओ, जलाल बसंत पीआरएस द्वारा मजदूरों व जनप्रतिनिधियों से पैसों की मांग की जाती है. इन कमीशन, पैसों के भुगतान करने वाले जनप्रतिनिधियों, मजदूरों को काम और पैसों का समय पर भुगतान कर दिया जाता है, जबकि इसका विरोध करने वाले मुखिया अन्य-प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, मजदूरों को प्रताड़ित किया जाता है. बिना ग्राम सभा द्वारा पारित योजनाओं का कार्य शुरू करना, पैसा, कमीशन लेकर किसी जनप्रतिनिधि की कार्य योजनाओं को योजनाओं, कार्यों का नाम बदलकर किसी अन्य जनप्रतिनिधियों के लॉगिन पर चढ़ाकर जैसे-तैसे कार्य करा कर दलाल, भ्रष्टाचारियों अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ मिलीभगत कर पैसों का उठाव कर लिया जा रहा है. जो बिल्कुल गलत और सरकारी संसाधनों, संपत्तियों का दुरुपयोग, भ्रष्टाचार कर सरकार एवं आम जनता को नुकसान पहुंचाई जा रही है. जो बिल्कुल अन्यायपूर्ण और गैर कानूनी कृत्य है. गरखा पीओ द्वारा अपने बड़े-बडे़ मंत्रियों, अधिकारियों, नेताओं, असामाजिक तत्वों तक पैरवी, पहुंच होने, गलत झुठे मुकदमों में फंसाए जाने की बात बोलकर भी डराया, धमकाया जाता है, जिससे कोई भी मुखिया या अन्य जनप्रतिनिधि, नेता, भ्रष्टाचारी गरखा पीओ के खिलाफ मुंह खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. ऐसी भयावह परिस्थिति में ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों पर बहुत असर पड़ रहा हैं. ग्रामीण मनरेगा मजदूर भूखे बिलबिलाने, जैसे-तैसे जीवन जीने को मजबूर हैं. छात्र नेता ने मुख्यमंत्री सहित अन्य अधिकारियों से मांग किया है कि जनविरोधी कुकृत्यों, गैर जरूरी, गैर कानूनी कार्यों को बढ़ावा देने वाले भ्रष्टाचारी, मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी गरखा (पीओ) द्वारा कराई जा रही, सभी कार्य, योजनाओ की गुणवत्ता, भ्रष्टाचार, गैर जरूरी, गैर कानूनी गतिविधियों की एक जांच टीम गठित कर उचित जांच-पड़ताल कराई जाए एवं दोषी पीओ या अन्य व्यक्तियों के ऊपर उचित कानूनी कार्रवाई की जाए. ताकि प्रशासनिक अधिकारियों एवं कानून में आस्था रखने वाले जनप्रतिनिधियों, ग्रामीण मनरेगा मजदूरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के हक और अधिकारों की रक्षा हो सके. ग्रामीण मजदूरों की स्थिति में सुधार हो सके. सरकारी कार्यों में लूट-खसोट, भ्रष्टाचार, करने वाले लोगों को उचित सबक सिखाई जा सके. उन्होंने बातचीत में कहा कि इस मामले की जल्द उचित जांच कर दोषी अधिकारियों, अन्य कर्मचारियों के ऊपर जल्द उचित कार्यवाही नहीं हुई तो 1 मई मजदूर दिवस के दिन मजदूरों का स्वागत एवं अभिनंदन कर मई प्रथम सप्ताह से हीं मजदूरों के साथ मिलकर गरखा मनरेगा पीओ भगाओ व मजदूरों का हक और दिलाओ अभियान की शुरुआत करेंगे.