वाराणसी: ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले पर वाराणसी की जिला अदालत में सुनवाई पूरी हो गई. मुस्लिम पक्ष ने कार्बन डेटिंग का विरोध किया है. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि परिसर में सर्वे की आवश्यकता नहीं है. मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में कहा इस केस में सर्वे का नहीं है कोई जिक्र, केवल शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की बात है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया है. अब न्यायालय 14 अक्टूबर को फैसला सुनाएगा.
श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन और अन्य विग्रहों के संरक्षण के मामले में 16 मई को सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग के मुद्दे पर चार वादी महिलाओं ने बिना क्षति पहुंचाये शिवलिंग की जांच की मांग की है. इसके साथ ही उसके आसपास की कार्बन डेटिंग की मांग की है. इस पर जवाब देने के लिए अंजुमन इंतजमिया मसाजिद कमेटी ने वक्त मांगा था. इसके साथ ही करमाइकल लाइब्रेरी के तोड़फोड़ के दौरान मिले गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति को सुरक्षित और संरक्षित करने का आवेदन पर भी सुनवाई की जाएगी.
पिछली सुनवाई में हिंदू पक्ष ने क्या कहा था
पिछली सुनवाई पर हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने बताया कि जिला अदालत के समक्ष उन्होंने कहा कि हमने अपने वाद में पहले ही बताया है कि ज्ञानवापी परिसर के सभी दृश्य और अदृश्य देवताओं की पूजा-अर्चना का अधिकार हिंदुओं को मिले. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी परिसर के वजुखाने का पानी हटाने के बाद शिवलिंग प्रकट हुआ है. इसलिए यह हमारे वाद का हिस्सा है.