छपराः बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर सारण जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में नालसा (तस्करी और वाणिज्यिक यौन शोषण पीड़ितों के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2015 पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन आज शनिवार को सेंट्रल पब्लिक स्कूल, विकास नगर में किया गया जिसमें पैनल अधिवक्ता डॉ. अमित रंजन ने विषय पर विस्तृत जानकारी दी। जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन एसडीपीओ सदर मुनेश्वर प्रसाद सिंह, जिला पुलिस के लीगल सेल प्रभारी पदाधिकारी विमल कुमार सिंह, पैनल अधिवक्ता डॉ. अमित रंजन, सीपीएस ग्रुप के चेयरमैन और जागरूकता कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. हरेन्द्र सिंह ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। निदेशक विकास कुमार सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए जागरूकता कार्यक्रम की रुपरेखा प्रस्तुत की जिसके उपरांत चेयरमैन डॉ. हरेन्द्र सिंह और प्राचार्म मुरारी सिंह ने बुके प्रदान कर अतिथियों का स्वागत किया।
जागरुक्ता शिविर में पैनल अधिवक्ता डॉ. अमित रंजन ने खचाखच भरे हॉल को संबोधित करते हुए नालसा बालसा और डालसा का परिचय देते हुए नालसा द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। पैनल अधिवक्ता ने नालसा (तस्करी और वाणिज्यिक यौन शोषण पीड़ितों के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2015 की विस्तृत जानकारी देते हुए समस्त आयु समूह की महिलाओं को को सम्मिलित करते हुए अवैध व्यापार के पीड़ितों और रोकथाम, बचाव और पुनर्वास के स्तरों पर दी जाने वाली विधिक सहायता की जानकारी दी। उन्होंने इनकी मर्यादा की संरक्षण, आर्थिक और सामाजिक मार्ग प्रदान करने की जानकारी दी.
लीगल सेल के प्रभारी पदाधिकारी विमल कुमार सिंह ने बच्चियों का प्रबोधन करते हुए उन्हें सचेत सतर्क रह कर अपना बचाव करने की सलाह दी और अपने लंबे अनुभवों से सटीक उदाहरण भी दिए।
एसडीपीओ सदर एम पी सिंह ने छात्राओं को बताया कि किस परिस्थिति में उन्हें क्या करना चाहिए। उन्होंने किशोरवय की अवस्था की सामान्य परिस्थितियों की चर्चा करते हुए अपने आपको बाहरी प्रभावों से मुक्त रखते हुए विद्याध्ययन को प्रेरित किया।
सत्र के मध्य में छात्राओं ने व्यावहारिक सवाल पुछे जिसका समाधान प्रभारी लीगल सेल विमल कुमार सिंह और पैनल अधिवक्ता ने किया।
जागरुकता शिविर को अध्यक्ष डॉ. हरेन्द्र सिंह, निदेशक विकास कुमार सिंह, प्राचार्म मुरारी सिंह शिक्षिका शारदा शर्मा, अनिता श्रीवास्तव, पारा लीगल वोलंटियर रविश कुमार सिंह ने भी संबोधित किया।
जागरूकता शिविर में भारी संख्या में नौंवी और दसवीं की छात्राएँ, शिक्षिकाएं,शिक्षकेत्तर कर्मचारी और अभिभावक शामिल हुए।