छपरा: सदर अस्पताल आने वाले मरीजों को दवा मिल सके, इसलिए स्टॉक में पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध रहती है। दरअसल, सरकारी अस्पतालों में आमलोगों को लिए तमाम सुविधाएं हैं। जांच-इलाज से लेकर दवा तक मुफ्त में लोगों को मुहैया करवाई जा रही है। अभी बारिश का मौसम चल रहा है। इसलिए सर्दी-खांसी से लेकर टीबी और मलेरिया की दवा भी यहां पर उपलब्ध है। वहीं कोरोना के मरीज भी जिले में मिलने लगे हैं। इसलिए कोरोना की दवा भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। अगर अस्पताल में मरीज को दवा नहीं मिले तो उसे खासा परेशानी हो सकती है, लेकिन सदर अस्पताल में सामान्य बीमारियों से संबंधित लगभग सभी तरह की दवा उपलब्ध है। सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि फार्मासिस्ट को दवा की उपलब्धता बनाए रखने के लिए लगातार कहा जाता है। ऐसी स्थिति नहीं बने कि मरीजों को अस्पताल में दवा नहीं मिल सके। इसे लेकर हमलोग लगातार आकलन करते रहते हैं।
अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद कहते है हमलोग दवा की उपबल्धता पर नजर रखते हैं। मरीज को दवा लेने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसे लेकर तैयारी करते हैं। अभी जैसे बारिश का मौसम चल रहा है तो सर्दी-खांसी के मरीज ज्यादा आ सकते हैं। इसलिए इन दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रहे, इस तरह से हमलोग इंतजाम करते हैं। साथ ही मलेरिया, टीबी, दुर्घटना में घायल जो इलाज कराने आते हैं, उनलोगों के लिए भी सदर अस्पताल में दवा का पर्याप्त स्टॉक रहता है। यहां आमतौर पर अधिकतर सामान्य लोग इलाज कराने के लिए आते हैं। उन्हें अगर दवा नहीं मिलेगी तो बाहर से खरीदने पर आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। इसलिए दवा खत्म होने से पहले ही हमलोग मंगाकर रखते हैं।
कोरोना को लेकर विशेष सतर्कताः
पिछले सवा दो साल से कोरोना को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। तीन लहर आई और चली गई, इस दौरान कभी भी मरीजों को दवा की कमी नहीं होने दी गई। त्रिपुरारि कहते हैं कि अभी कोरोना के मरीज फिर से मिलने लगे हैं। इसे लेकर पर्याप्त स्टॉक है। ऐसा नहीं है कि अभी मरीज मिल रहे हैं तो अभी ही दवा की उपलब्धता है। कुछ समय पहले तक जब कोरोना के मरीज नहीं मिल रहे थे, उस समय भी इसकी दवा का पर्याप्त स्टॉक मौजूद था।
प्रतिदिन सैकड़ों मरीज लेते हैं दवाः
डीपीएम अरविन्द कुमार कहते है कि सदर अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों मरीज जांच औऱ इलाज कराने के बाद दवा लेने के लिए आते हैं। किसी दिन भी मरीजों की संख्या अधिक रहती है, उस दिन उसी हिसाब से तैयारी की जाती है। अहसास रहता है कि किस दिन अधिक मरीज रहेंगे, उस दिन उसी अनुसार तैयारी करते हैं। हालांकि आमदिनों में भी अगर मरीज ज्यादा आ जाए तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी।