रांची: स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों की कमी अब बनती जा रही है लाइलाज बीमारी

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रांची: सरकार के स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों की कमी अब लाइलाज बीमारी बनती जा रही है। डाॅक्टराें की कमी दूर करने और सदर अस्पताल, सीएचसी-पीएचसी में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए डीएमएफटी से वर्ष 2021 में डाॅक्टराें की नियुक्ति की गई थी। 43 में से 28 चिकित्सकाें ने याेगदान दिया, पर उनमें से 16 नाैकरी छाेड़ चुके हैं। एक ओर जिले के मेडिकल काॅलेज व अस्पताल के लिए डाॅक्टर मिल नहीं रहे, वहीं नियुक्त डाॅक्टर टिक नहीं रहे।

डीएमएफटी से नियुक्त चिकित्सकाें काे सदर अस्पताल, सीएचसी व पीएचसी में पदस्थापित किया गया था, जहां से उनके त्यागपत्र के बाद एक बार फिर डाॅक्टराें की कमी है। एक वर्ष के अनुबंध पर नाैकरी, समय पर वेतन का भुगतान नहीं हाेने और बेहतर विकल्प मिलना चिकित्सकाें का त्यागपत्र देना मुख्य कारणाें में से रहे। नौकरी छोड़ने वाले डॉक्टरों ने कबूला कि जॉब असुरक्षित थी। वेतन भी समय पर नहीं मिलता है। डॉक्टरों के इस दावे को डीएमएफटी सचिव शशि प्रकाश सिंह भी स्वीकार करते हैं।

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