कृमिनाशक दवा का सेवन करा मनाया गया राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

बिहार

सहरसा, 22 अप्रैल: जिले में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ स्थानीय रूपवती कन्या विद्यालय में उपविकास आयुक्त साहिला द्वारा फीता काटकर किया गया। मौके पर विद्यालय की छात्राओं को उप विकास आयुक्त के सामने कृमिनाशक गोलियों का सेवन भी कराया गया। कार्यक्रम में कन्या विद्यालय के प्रधानाध्यापक, शिक्षक, अध्ययनरत छात्राओं के साथ-साथ सिविल सर्जन डा. किशोर कुमार मधुप, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. कुमार विवेकानंद, जिला स्वास्थ्य समिति से जिला कार्यक्रम प्रबंधक विनय रंजन, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक राहुल किशोर, यूनिसेफ के एसएमसी बंटेश नारायण मेहता व मजहरूल हसन, यूएनडीपी के भीसीसीएम मुमताज खालीद, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. आर.के. सिंह, राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के जिला समन्वयक मृत्युंजय कुमार सिंह, शिक्षा विभाग से जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जियाउल होदा, डब्ल्यूएचओ के आरआरटी डा. पुनित, सीफार के डिविजनल कॉर्डिनेटर युगेश्वर कुमार राजा अन्य स्वास्थ्यकर्मी एवं प्रिंट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

हाथों की साफ-सफाई बहुत जरूरी-
रूपवती कन्या विद्यालय में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के दौरान छात्राओं को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त ने कहा हाथों की साफ सफाइ बहुत जरूरी है। कृमि संक्रमित होने का एक प्रमुख कारण हाथों का स्वच्छ नहीं होना है। भोजन करने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह धोऐं। हाथों के माध्यम से ही कृमि संक्रमण के कारक हमारे शरीर में पहुँचते हैं। इसलिए हाथों की स्वच्छता कृमि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए बहुत जरूरी है। हाथों के नाखुन बड़े न होने दें, इसे समय समय पर काटते रहें। अपने आस-पास साफ-सफाई अवश्यक रखें। उन्होंने ने अपने समक्ष छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कृमि नाशक अल्बेंडाजोल 400 मिलीग्राम दवा का सेवन कराया। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के आयोजन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा वर्ष में एक बार सरकार द्वारा 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को कृमि नाशक गोलियों का सेवन कराया जाता है। जोकि बहुत जरूरी है। कृमि का संक्रमण बच्चों को कई प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का मुख्य कारण है। इससे संक्रमित बच्चे कुपोषण, एनीमिया, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली आदि के शिकार हो जाते हैं। इसलिए बच्चों को कृमि मुक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया जाता है।

26 अप्रैल को मॉपअप राउण्ड के दौरान वंचितों को कराया जाएगा सेवन-
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के आयोजन के दौरान सिविल सर्जन डा. किशोर कुमार मधुप ने बच्चों को कृमि नाशक गोलियों के सेवन की विधि एवं निश्चित खुराक की जानकारी से अवगत कराते हुए कहा जिले में 1 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चो का कृमि नाशक अल्बेंडाजोल का सेवन कराया जाएगा। आज के आयोजन में दवा के सेवन से वंचित रह गये बच्चों को 26 अप्रैल को मॉपअप राउण्ड अयोजित करते हुए अल्वबेंडाजोल का सेवन कराना सुनिश्चित किया जाएगा। 1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को कृमि नाशक की आधी गोली एवं 2 से 3 वर्ष तक के बच्चों को एक पूरी गोली दो चम्मचों के बीच रखकर पूरी तरह चूरा कर साफ पानी में घोल कर खिलायी जानी हैं। वहीं 3 से 19 वर्ष तक के बच्चों को एक पूरी गोली चबाकर खानी है।
उन्होंने बताया जिले में आज सभी स्तरों पर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का अयोजन किया गया है। जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों, सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों आदि पर बच्चों को कृमि नाशक गोलियों का सेवन कराया जाएगा।

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