ई-टेलीकंस्लटेंसी सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज़ों के लिए कारगर: सीएस

बिहार राज्य

पूर्णिया, 02 जुलाई: संचार क्रांति के युग में गरीब, असहाय एवं जरूरतमंदों को चिकित्सीय सुविधाएं विशेषज्ञ चिकित्सकों के माध्यम से मिलनी शुरू हो गई हैं। जिसका नतीजा यह है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को घर बैठे या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों से चिकित्सा विज्ञान द्वारा सलाह एवं परामर्श मिलने के साथ ही दवाओं की उपलब्धता से कई तरह की बीमारियों का उपचार हो रहा है। सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने बताया कि सुदूर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को पहले से बेहतर बनाने के उद्देश्य से हर संभव प्रयास किया जाता है। ताकि सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग के उद्देश्यों की पूर्ति हो सके। इसके लिए अत्याधुनिक सुविधाओं के उपयोग को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्तमान समय में ई-टेलीमेडिसीन कंसल्टेंसी सेवा इसका एक बेहतर विकल्प माना जा रहा है। प्रतिदिन सुबह 9 बजे से लेकर शाम के 4 बजे तक कम से कम 50 या उससे अधिक मरीज़ों में ई-टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श एवं निःशुल्क दवा का वितरण किया जाता है।

ई-टेलीमेडिसीन के माध्यम से सामान्य स्वास्थ्य के लिए चिकित्सकों द्वारा दिया जाता है परामर्श: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि ई-टेलीमेडिसीन कंसल्टेंसी के माध्यम से सामान्य स्वास्थ्य, मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, आंख, कान, नाक, दंत, त्वचा, मलेरिया, कुष्ठ, बुख़ार, हाइपरटेंशन, खांसी, सर्दी, बीपी, सुगर, अर्थराइटिस, यक्ष्मा, परिवार नियोजन, पोषण, एड्स, कैंसर तंबाकू उपयोग के दुष्परिणाम से संबंधित परामर्श के अलावा चिकित्सीय सेवाएं भी दी जाती हैं। वहीं जांच के लिए रक्त शर्करा (शुगर), उच्च रक्तचाप, पैथोलॉजी कोविड-19 एवं एनीमिया की जांच भी कराई जाती है। विशेषज्ञ चिकित्सकों से ई-टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से परामर्श लेने के बाद दवा का निःशुल्क वितरण भी किया जाता है। हालांकि कुछ वैसी बीमारियों को लेकर भी सलाह दी जाती है, जिसमें ब्लड जांच या अन्य कई प्रकार की जांच के बाद निःशुल्क दवा वितरण कर समय-समय पर संपर्क स्थापित करने की बात कही जाती है।

डॉ संध्या श्री ने सबसे अधिक 1849 मरीज़ों को दी है चिकित्सीय परामर्श: डीपीसी
ज़िला स्वास्थ्य समिति की डीपीसी निशि श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में 01 जून से 30 जून तक ई-संजीवनी टेलीकंस्लटेंसी की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। हालांकि अभी भी ई-संजीवनी प्रणाली के माध्यम से टेलीमेडिसीन की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। केवल जून महीनें में 14 हजार 1 सौ 62 मारीज़ों को ई-टेलीकंस्लटेंसी के द्वारा सेवाएं दी गई हैं। एक महीने के अंदर सबसे ज़्यादा मरीज़ों को सेवाएं देनी वाली अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी में पदस्थापित महिला रोग विशेषज्ञ डॉ संध्या श्री का नाम शुमार हुआ है। इनके द्वारा 1849 मरीज़ों को कंसल्टेंसी के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श दिया गया है। वहीं दूसरे स्थान पर श्री नगर पीएचसी के चिकित्सक डॉ महम्मद कुतुब राही ने 1560, बी कोठी के चिकित्सक डॉ अबसार आलम ने 1523, बायसी की महिला चिकित्सक डॉ अंकिता कुमारी ने 1121 तो पांचवें स्थान पर बी कोठी के चिकित्सक डॉ प्रमोद कुमार के द्वारा 1110 मरीजों को ई-संजीवनी टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श दिया गया है।

गर्मी के मौसम में होने वाली बीमारियों से संबंधित मरीज़ों की संख्या ज्यादा रही: डॉ संध्या श्री
अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी में कार्यरत महिला रोग विशेषज्ञ डॉ संध्या श्री ने बताया कि जून का महीना गर्मी का होता है। इसके साथ ही क़भी-क़भी बेमौसम बरसात भी होते रहता है। जिस कारण उमस भरी मौस म में होने वाली बीमारियों से संबंधित सबसे ज़्यादा मरीजों की संख्या रही है। केवल एक महीने में 1849 वैसे मरीज़ों को चिकित्सीय परामर्श दिया गया है। टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श के साथ ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर दवा का वितरण भी किया जाता है। एक महीने के अंदर सबसे ज़्यादा बुख़ार, हाइपरटेंशन, सर्दी, खांसी, गठिया, ब्लडप्रेशर, शुगर सहित नवजात शिशुओं से संबंधित मरीजों की संख्या ज्यादा रही। ई-टेलीकंस्लटेंसी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से देश के किसी भी दिशाओं में रहने वाले विशेषज्ञ चिकित्सकों से संपर्क स्थापित कर बीमारियों से संबंधित चिकित्सीय सलाह ली जा सकती है।

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