अनुशासनहीनता प्रदर्शित करने वाले कर्मियों को सख्त चेतावनी,अनुशासनहीनता किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं- जिलाधिकारी

छपरा

सारण/छपरा: जिला पदाधिकारी सारण श्री राजेश मीणा ने कार्य में शिथिलता एवं अनुशासनहीनता प्रदर्शित करने वाले कर्मियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है की कार्य में शिथिलता एवं अनुशासनहीनता किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस संबंध में कर्मियों के विरुद्ध शिकायत पाए जाने एवं आरोप की सत्यता प्रमाणित होने पर कठोरतम अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
इसी क्रम में कुछेक आरोपित कर्मचारियों के विरुद्ध उनके नियंत्रित पदाधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर गठित प्रपत्र ‘क’ के आधार पर विभागीय कार्यवाही संचालित की गई। संचालन पदाधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार उनके गुण दोष का विवेचन कर कर्मियों को जिला पदाधिकारी महोदय के द्वारा दंडित भी किया गया है प्रखंड कार्यालय सदर छपरा में पदस्थापित धनंजय शर्मा सेवानिवृत्त जनसेवक को इंदिरा आवास निर्माण कार्य पूर्ण कराने में उदासीनता, लापरवाही बरतने के आरोप की सत्यता प्रमाणित होने पर 5 साल तक पेंशन की राशि में 5% कटौती का शा‌ऻस्त अधिरोपित किया गया है। प्रखंड कार्यालय मांझी में पदस्थापित दिनेश राम जनसेवक को शिक्षक नियोजन में अनियमितता बरतने के आरोप में 3 वर्ष तक वेतन वृद्धि संचयात्मक प्रभाव से रोकने की शाऻस्त् अधिरोपित किया गया है। तत्कालीन अंचल कार्यालय सदर तथा वर्तमान में अंचल कार्यालय मढ़ौरा सारण में पदस्थापित राजस्व कर्मचारी मनोज कुमार को सरकारी भूमि के नापी करने में दोषी पाए जाने पर 5 वर्ष तक संचयात्मक प्रभाव से वेतन वृद्धि रोक की शाऻस्त अधिरोपित किया गया है। तत्कालीन सदर अंचल वर्तमान में तरैया अंचल के सैयद मोहम्मद नजमी लिपिक को अनुसेवी बहाली में फर्जी तरीके से राशि उगाही करने के आरोप में 3 वर्ष तक वेतन वृद्धि और असंचयात्मक प्रभाव से रोकने की शाऻस्त् अधिरोपित किया गया है। तत्कालीन अंचल कार्यालय मशरख वर्तमान में कोषागार कार्यालय सारण में पदस्थापित तारानंद प्रमोद को वर्ष 2010 में 325 दिन अनधिकृत अनुपस्थिति एवं नियंत्रित पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना के आरोप की सत्यता प्रमाणित होने पर कालमान वेतन में निम्नतर एक प्रकम पर 3 वर्ष के लिए अवनति की शाऻस्त। इस दौरान कर्मी वेतन वृद्धि अर्जित नहीं कर सकेगा।दंड की अवधि के पश्चात भविष्य में होने वाली वेतन वृद्धि पर दंड का प्रभाव संचयात्मक रहेगा। निलंबन अवधि के दौरान जीवन यापन भत्ता के अतिरिक्त कोई अन्य भत्ता भुगतान देय नहीं होगा।साथ ही अनधिकृत रूप से अनुपस्थिति के लिए कोई भुगतान देय नहीं होगा। दोषी कर्मियों के विरुद्ध आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रखने की बात बताई गई।

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