छपरा: बारिश का मौसम लगभग खत्म हो चुका है लेकिन अभी भी डेंगू का कहर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब डेंगू मलेरिया जैसे मच्छर जनित रोगों के प्रकोप से सभी को चिंताजनक परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है। हालाँकि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इनसे निपटने के लिए अलर्ट मोड़ में है लेकिन विभाग की एक तरफ़ा मुहिम तब तक कारगर नहीं हो सकती जब तक समुदाय भी डेंगू के लक्षणों और इससे बचाव के प्रति जागरूक और सतर्क न हो जाये।
सीएस डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि डेंगू मच्छर जनित रोग है, जो एक गंभीर बीमारी की श्रेणी में आता है। डेंगू से बचाव के लिए लोगों को साफ- सफाई एवं जागरूकता जरूरी है। फिलहाल जिले के कुछ प्रखंडों में डेंगू के मामले ज्यादा आ रहे हैं। जिसपर नियंत्रण करने का प्रयास जारी है। इसलिए डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है। मच्छर रोधी दवा का छिड़काव किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में डेंगू वार्ड बनाये गए हैं ताकि डेंगू के मरीजों का समुचित उपचार किया जा सके|
डेंगू का सबसे बड़ा कारण घर के आस पास जलजमाव व गंदगी:
जिले के अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन की कम एवं बरसात के पानी का सही से निष्कासन नहीं होने के कारण गंदे पानी का जलजमाव एवं सड़कों तथा गलियों में गंदगी का फैलाव डेंगू प्रसार का सबसे बड़ा कारण है। लोग डेंगू के प्रति सचेत रहें। घर के आसपास पानी का जमाव नहीं होने दें। इससे मच्छर नहीं पनपेगा और आपका डेंगू से बचाव होगा। बरसात के कुछ महीने ऐसे होते हैं जब ना गर्मी ज्यादा है और ना ही सर्दी अधिक होती है। ऐसे मौसम में डेंगू के मच्छर ज्यादा पनपते और डेंगू मरीजों के ज्यादा मामले सामने आते हैं। इसलिए अभी सावधान रहने की जरूरत है।
डेंगू और कोरोना के बुखार में कोई समानता नहीं , अन्य लक्षणों पर भी गौर करें:
हालांकि डेंगू भी अपने साथ बुखार ले कर आता है। लेकिन इसकी तुलना कोरोना या अन्य किसी बुखार से ना करें। यह एडीज मच्छर के काटने से फैलता है जो खासकर बरसात के मौसम मे ज्यादा पनपते। यह दिन में ही काटते हैं। इसलिए 3 से 7 दिन तक लगातार बुखार, सिर में दर्द, पैरों के जोड़ों व आंख के पीछे तेज दर्द, चक्कर एवं उल्टी आना, शरीर पर लाल चकत्ते जैसे लक्षण दिखे तो तुरंत जांच कराकर पता लगाएँ की यह डेंगू है या अन्य किसी रोग के लक्षण।