कटिहार, 29 अगस्त : वैक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल की गाइडलाइन के आधार पर राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान कार्यक्रम के तहत अब जिले के सभी प्रखंडों में एक रैंडम और एक सेंटीनल साइट पर नाइट ब्लड सर्वे कार्य की शुरुआत बहुत ही जल्द की जाएगी। जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जेपी सिंह ने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज़ बीमारी है। इसके उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग के अलावा मलेरिया विभाग पूरी तरह से सजग होकर कार्य में जुटी हुई है। इसके लिए केयर इंडिया द्वारा सभी प्रखंडों में एक-एक एमडीए समन्वयक की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) द्वारा जिला स्तर पर एक जिला समन्वयक एवं चयनित प्रखंडों में प्रखंड समन्वयक के साथ ही पीसीआई का सहयोग लिया जाएगा। फाइलेरिया या हाथी पांव के लक्षण सामान्यता शुरू में दिखाई नहीं देते हैं। इसके परजीवी शरीर में प्रवेश करने के बाद इसके लक्षण लगभग पांच से दस वर्षो के बाद दिखाई देते हैं। इसीलिए सामान्य और स्वस्थ दिखने वाले व्यक्ति भी इसकी जांच करा सकते हैं।
सूक्ष्म कार्य योजना की तैयारी में जुटा विभाग: डॉ जेपी सिंह
जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जेपी सिंह ने बताया कि प्रखंड स्तर पर फाइलेरिया व माइक्रो फाइलेरिया की दर की जानकारी प्राप्त करने के लिए नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। नाइट ब्लड सर्वे में रात्रि 8 से 12 बजे के बीच ब्लड सैंपल लिया जाता हैं क्योंकि उसी समय फाइलेरिया का पारासाइट ज्यादा सक्रिय रहता है। इसमें कम से कम 20 वर्ष से ऊपर के लोगों के का खून का नमूना जांच के लिए लिया जाता हैं। उन्होंने बताया कि प्रखंड स्तर पर नाइट ब्लड सर्वे के लिए सूक्ष्म कार्य योजना तैयार की जा रही है। जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रही है। एक तरफ जहां जिले भर में फाइलेरिया क्लिनिक (एमएमडीपी) की शुरुआत की जा रही है। वहीं अब अगले महीने से प्रखंड स्तर पर नाइट ब्लड सर्वे का कार्य शुरू किया जाएगा।
कटिहार सहित 23 अन्य जिलों में नाइट ब्लड सर्वे का चलाया जाएगा अभियान: डीपीओ
नाइट ब्लड सर्वे अभियान में मुख्य भूमिका निभाने वाली संस्था केयर इंडिया के डीपीओ चंदन कुमार सिंह ने बताया कि कटिहार सहित राज्य के 23 जिलों में नाइट ब्लड सर्वे अभियान चलाया जायेगा। विभागीय स्तर पर दी गयी गाइडलाइन के अनुसार, विभिन्न प्रखंड एवं शहरी क्षेत्र में नाइट ब्लड सर्वे के द्वारा माइक्रो फ़ाइलेरिया दर का पता लगाने के बाद मैपिंग किया जाएगा। इसके आधार पर प्रखंड एवं शहरी क्षेत्रों में सर्व जन दवा सेवन (एमडीए) तथा ट्रांसमिशन एसेसमेंट सर्वे किया जायेगा।गुणवत्तापूर्ण नाईट ब्लड सर्वे की क्वालिटी सुनिश्चित करना ही प्रखंड स्तर क्वालिटी रीमैपिंग को सुनिश्चित करेगा। जिस कारण संक्रमण रोकने के लिए सघन निरीक्षण अभियान चलाकर नजर रखने की जरुरत है।