नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता और नि. अध्यक्ष/राज्यमंत्री पंडित श्री सुनील भराला जी ने संसद भवन पहुंचकर केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी से भेंटकर उनके द्वारा भगवान श्री परशुराम जी के नाम पर डाक टिकट जारी करने को लेकर बधाई दी।
श्री भराला ने माननीय रेल मंत्री जी को एक पत्र सोंपकर अनुरोध किया कि हजरत निजामुद्दीन से इंदौर के मध्य संचालित ट्रेन संख्या 12415/12416 पश्चिमी रेलवे की महत्वपूर्ण ट्रेन है, इसका संचालन हजरत निजामुद्दीन से इंदौर जंक्शन के मध्य लगभग 850 किलोमीटर दूरी के लिए संचालित है।
राष्ट्रीय शोधपीठ द्वारा काशी विश्वनाथ उत्तर प्रदेश की धरती पर भगवान परशुराम जी की जन्मभूमि की घोषणा नवंबर 2022 में की गई थी। भारतीय सनातन में भगवान श्री परशुराम जी की मान्यता भगवान श्री विष्णु जी के छठवें अवतार के रूप में पाप व अन्याय को सुधारने तथा पराक्रम के प्रतीक के रूप में है। उपरोक्त ट्रेन संख्या 12415/12416 का नामकरण भगवान श्री परशुराम एक्सप्रेस के नाम से करने पर सम्पूर्ण भारतवर्ष की जनता तथा समस्त सनातनी हिन्दू समाज एवं सभी धर्मो के लोग गौरवान्वित महसूस करेगें। इस संबंध में राष्ट्रीय परशुराम परिषद के पदाधिकारियों द्वारा निरंतर मांग की जा रही है।
श्री भराला ने माननीय मंत्री जी से हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से चलने वाली हजरत निजामुद्दीन-इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन का नामकरण भगवान परशुराम एक्सप्रेस के रूप में करने और इस ट्रेन को हजरत निजामुद्दीन से भगवान श्री परशुराम कुंड (अरुणाचल प्रदेश) तक चलाने का अनुरोध किया।
इससे पूर्व श्री भराला ने भारत सरकार द्वारा भगवान श्री परशुराम जी के नाम पर डाक टिकट जारी करने को लेकर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी, गृह मंत्री श्री अमित शाह जी एवं रेल मंत्री श्री अश्वनी वैष्णव जी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि भगवान श्री परशुराम जी पर डाक टिकट जारी करना समस्त सनातन हिंदुओं के लिए गौरवान्वित करने वाला एवं सराहनीय कार्य कर भारत सरकार ने पूरे देश के सनातन हिंदुओं को एक तोहफे के रूप में दिया है।
श्री वैष्णव जी ने श्री भराला को यह भी बताया कि किसी भी भगवान के नाम पर कोई रेल नहीं चलती, इसीलिए इसपर विचार किया जायेगा। श्री भराला ने इस बात को आगे बढ़ाते हुए कहां कि काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस ट्रेन नई दिल्ली से वाराणसी तक जाती है और पूर्व की सरकारों में कई ट्रेन के नाम बदले गये है। इसीलिए भगवान परशुराम के नाम पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
श्री भराला जी ने श्री परशुराम कुंड तीर्थ यात्रा का उल्लेख करते हुए कहां कि अरूणाचल प्रदेश चीन बार्डर पर स्थित तीर्थ है, जिसमें लाखो लोगो का आगमन होता हैं। तिनसुकिया (आसाम) से परशुराम कुंड (अरूणाचल प्रदेश) तक लगभग 120 किमी0 की दूरी है। वहां जाने के लिए यातायात का कोई साधन नहीं है ऐसे में श्रद्वालुओं के लिए तिनसुकिया (आसाम) से परशुराम कुंड (अरूणाचल प्रदेश) तक रेलवे लाइन बिछाकर यातायात को सुलभ किया जायें। जिसपर श्री वैष्णव जी ने श्री भराला को बताया कि उसपर कार्य जारी है, डिफेंस मिनिस्ट्री की एनओसी लेना जरूरी होता है उसपर हम कार्य कर रहे है। इसपर भी श्री भराला ने श्री वैष्णव जी का आभार प्रकट किया।
इस वार्ता के उपरांत श्री वैष्णव जी ने श्री भराला के अनुरोध पर आश्वासन देते हुए कहां कि जल्द अधिकारियों के साथ वार्ता कर हजरत निजामुददीन-इंदौर एक्सप्रेस का नाम भगवान परशुराम एक्सप्रेस करने करने पर विचार किया जाएगा।