छपरा : जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। इसको लेकर समुदाय स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। जिले के मांझी प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हाथी पांव से ग्रसित रोगियों को एम एमडीपी किट का वितरण किया गया। मरीजों के बीच रोग नियंत्रण और घरेलू प्रबंधन के लिए उपचार किट प्रदान किया गया है। इसमें टब, साबुन, पाउडर आदि होता है। दवा भी साथ में दी जाती है। फाइलेरिया के रोगियों को अपने पांव का अधिक ख्याल रखना चाहिए। लोगों को फाइलेरिया के कारण व बचाव के प्रति सचेत किया जा रहा है। फाइलेरिया एक परजीवी रोग है। रोग का फैलाव मच्छर के काटने से फैलता है। इससे शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन, हाइड्रोसील और हाथीपांव के रूप में प्रकट होता है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रोहित कुमार ने बताया कि फैलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है जहां गंदगी होता है वहां मादा क्यूलेक्स मच्छर पाया जाता है।
दवा सेवन है जरूरी:
केयर इंडिया के बीसी अश्वनी कुमार ने बताया कि प्रत्येक वर्ष फाइलेरिया से बचाव के लिए सरकार की तरफ से एम डी ए प्रोग्राम चलाया जाता है। सर्वजन दवा सेवन के अंतर्गत 15 वर्ष से ऊपर के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक गोली और डीसी का तीन गोली खिलाया जाता है। एमएमडीपी किट का एक्सरसाइज कैसे करना है इस पर विस्तार पूर्वक से बताया। टब का पानी ऐसी जगह फेकना है जहां कोई बच्चा उस पानी को ना पिए।
प्रतिदिन एक्सरसाइज करना जरूरी:
सीफार के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर रितेश कुमार ने बताया कि फैलेरिया संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। आगे उन्होंने एमएमडीपी किट के एक्सरसाइज करने के तरीकों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पहले हमें नॉर्मल पैर को धोना है। उसके बाद इफेक्ट पैर को धोना है। तौलिया से दबाकर पूछना है। जहां कटा हुआ है सूती कपड़ा से साफ करना है और मलहम लगाना है। हमें प्रतिदिन एक्सरसाइज करना है । इस कार्यक्रम में हाथी पाव से ग्रसित रोगियों को एमएमडीपी किट का वितरण किया गया।
हम लोगों को दर्द से मिलेगी राहत:
मांझी फैलेरिया मरीज मीरा देवी और कलावती देवी ने कहा कि हाथी पाव से ग्रसित है। हम लोगों जीवन काफ़ी कष्टदायक है. दर्द भरा है। लेकिन विभाग के द्वारा आज हम लोगों को किट दिया गया है और साफ सफाई के बारे में बताया गया है. इससे काफ़ी राहत मिलेगी।