नई दिल्ली, 08 मई : दिल्ली में आज से एंटी डस्ट कैंपेन शुरू हो गया है। यह कैंपेन अगले एक महीने यानी आठ जून तक चलाया जाएगा। इस कैंपेन के तहत पूरी दिल्ली में निगरानी के लिए 13 विभागों की 629 कर्मियों की 235 पेट्रोलिंग टीम और 433 कर्मियों की 165 पेट्रोलिंग टीम रात में तैनात की गई है।
साथ ही सीएंडडी पोर्टल पर 500 वर्ग मीटर से अधिक के सभी निर्माण साइट्स का सेल्फ रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है। सभी विभागों को सीएंडडी साइट्स की लगातार निरीक्षण करने और कंस्ट्रक्शन साइटों पर निर्माण संबंधी 14 नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए है।
डस्ट प्रदूषण को रोकने के लिए 84 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग (एमआरएस) मशीनों, 609 वॉटर स्प्रिंकलर और 185 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन की तैनाती गई है और 70 नई एकीकृत मैकेनिकल रोड स्वीपिंग (एमआरएस) मशीनों और 250 एकीकृत वाटर स्प्रिंकलर मशीनों की जल्द खरीद के लिए आज सभी विभागों के साथ समीक्षा बैठक की गई।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एंटी डस्ट कैंपेन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कड़े कदमों की वजह से दिल्ली में वायु प्रदूषण में लगातार सुधार हो रहा है। दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कदमो के कारण 2016 से 2022-23 तक दिल्ली के वायु प्रदूषण में 30 फीसद की भी कमी देखी गई है।
टीमों का गठन : एंटी डस्ट कैंपेन के तहत पूरी दिल्ली में निगरानी को लेकर 13 विभागों की 629 कर्मियों की 235 पेट्रोलिंग टीम और 433 कर्मियों की 165 पेट्रोलिंग टीम रात में तैनाती की गई है। यह टीमें 24 घंटे दिल्ली में डस्ट प्रदूषण की घटनाओ की निगरानी और उसे रोकने का काम करेंगी। जिसकी रिपोर्ट समय-समय पर पर्यावरण विभाग और डीपीसीसी के साथ साझा की जाएगी।
सी एन्ड डी साइट्स का पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन : राय ने बताया कि कंस्ट्रक्शन साइट्स से पैदा होने वाला धूल प्रदूषण लोगो के स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक साबित होता है। इसी दिशा में कार्य करने के लिए कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन पोर्टल को लांच किया गया था। इस पोर्टल पर 500 स्क्वायर मीटर से अधिक सभी साइट्स का सेल्फ रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है।
अभी तक 750 साइट्स का इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है। इस अभियान के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी सक्रिय सी एंड डी साइटें पोर्टल पर पंजीकृत हो जाएं और डीपीसीसी द्वारा पोर्टल पर रजिस्टर्ड सभी पंजीकृत साइट्स की सेल्फ अस्सेस्मेंट रिपोर्ट की समीक्षा का कार्य किया जाएगा। साथ ही सभी कंस्ट्रक्शन साइटों पर निर्माण संबंधी 14 नियमों को लागू करना जरूरी है। इसके लिए विभागों को निर्माण साइट्स की लगातार निगरानी करने के निर्देश जारी किए गए है।
एंटी स्मोग गन्स/एमआरएस/वॉटर स्प्रिंकलर की तैनाती : उन्होंने बताया कि डस्ट प्रदूषण को रोकने के लिए 84 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग (एमआरएस) मशीनों, 609 वॉटर स्प्रिंकलर और 185 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन की पूरी दिल्ली में तैनाती की गई है। धूल प्रदूषण को लेकर पहले केवल 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साईट पर ही एंटी स्मोग गन लगाने का नियम था। अब नए नियम के आधार पर 5 हजार वर्गमीटर से लेकर उससे अधिक के एरिया के निर्माण साइट पर एंटी स्मोग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
-पांच हजार से 10 हजार वर्ग मीटर के निर्माण साईट पर 1 एंटी स्मोग गन।
-10 हजार से 15 हजार वर्ग मीटर के निर्माण साईट पर 2 एंटी स्मोग गन।
-15 हजार से 20 हजार वर्ग मीटर निर्माण साइट पर 3 एंटी स्मोग गन और
20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साईट पर कम से कम 4 एंटी स्मोग गन होनी चाहिए।
सभी 13 हॉटस्पॉट्स पर चलाया जाएगा विशेष अभियान : राय ने बताया कि विशेष अभियान के जरिये सभी 13 हॉटस्पॉट में रोजाना वायु प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले स्रोतों का रियल टाइम अपोर्शनमेंट स्टडी के आधार पर पता लगाया जाएगा और वहाँ के नोडल अधिकारियो को उनके एरिया में होने वाले प्रमुख प्रदूषण के कारको की जानकारी साझा की जाएगी ताकि उसपर त्वरित कार्रवाई कर सके।