वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) का कोर्ट कमीशन (court commission) पूरा हो चुका है। अब से कुछ देर बाद इस मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर के कोर्ट में इसकी रिपोर्ट पेश हो सकती है। इसके पहले डीजीसी सिविल (DGC Civil) महेंद्र प्रसाद पांडेय (Mahendra Prasad Pandey) ने कोर्ट में एक याचिका (petition) दायर की है। इसमें वजूखाना सील होने पर नमाजियों को हो रही दिक्कतों को उठाया गया है।
उन्होंने इस याचिका में कहा है कि कोर्ट द्वारा जिस परिसर को सील किया गया है उसमे नमाजी वजू करते हैं और उसमे पाइप लाइन (pipeline) लगी हुई है। उसके सील होने के बाद वजू (waju) करने में दिक्कत को देखते हुए पॉइप लाइन को शिफ्ट किया जाए और उसी परिसर में नमाजियों के लिए बने शौचालय की इंट्री भी वहीं से है, जिसे सुचारू किया जाए। साथ ही तालाब के अंदर पड़ी मछलियां भी उसी में बंद हैं, जिससे उन्हें भी अन्यत्र शिफ्ट किये जाने की मांग की है। इस मामले में उन्होंने एक कोर्ट कमिश्नर नामित करने की मांग की है।
पाइप लाइन शिफ्ट किया जाना आवश्यक
डीजीसी सिविल महेंद्र प्रसाद पांडये ने अपनी याचिका में कहा है कि न्यायालय द्वारा जिस परिसर को सील करने का आदेश पारित किया गया है व मानव निर्मित 3 फिट का गहरा तालाब है, जिसके चारों तरफ पाइप लाइन व नल लगा हुआ है, जिसका प्रयोग नमाजी वजू करने के लिए करते हैं। इस परिसर के सील होने के दृष्टिगत वजू करने के लिए पाइप लाइन को सील क्षेत्र से बाहर शिफ्ट किया जाना आवश्यक प्रतीत होता है।
मछलियों की जान की हो सुरक्षा
इसके अलावा सील हुए परिसर में कुछ शोचालय हैं जिनका प्रयोग नमाजी करते हैं। इनकी अलग से कोई अन्य इंट्री नहीं है। साथ ही मानव निर्मित तालाब में पानी भरा हुआ है, जिसमे कुछ मछलियां है। परिसर के सील होने पर मछलियां बंद हो गयी हैं जिससे उनके जीवन को ख़तरा हो सकता है अतः उन्हें कहीं अन्यत्र शिफ्ट किया जाए।
कोर्ट कमिश्नर करें नामित
डीजीसी सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय ने माननीय न्यायालय से प्रार्थना करते हुए कहा है कि उपरोक्त कारणों का अवलोकन करते हुए इसमें समुचित निर्देश करने का कष्ट करें अथवा इस बिंदु पर भी कोर्ट कमिश्नर को नामित करके उनके माध्यम से इसकी रिपोर्ट प्राप्त का यथोचित आदेश/निर्देश जारी करने की कृपा करें ताकि न्याय हो सके।