• नियमित टीकाकरण को सुदृढ़ करने के लिए विभाग प्रयासरत
• टीडी वैक्सीन के दो खुराक से किशोर-किशोरियों को किया जायेगा अच्छादित
छपरा,29 जुलाई : नियमित टीकाकरण को सुदृढ़ करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने नियमित टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए नयी रणनीति बनायी है। अब राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) टीम के द्वारा किशोर-किशोरियों को टीडी का टीका लगाया जायेगा। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन और जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि जिला में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अन्तर्गत सभी विद्यालयों में वार्षिक कार्ययोजना बनाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाती है। टीडी वैक्सीन हेतु लक्षित किशोर एवं किशोरियों की भी स्वास्थ्य जांच आर.बी.एस.के. की टीम द्वारा की जा रही है। स्वास्थ्य जांच के दौरान ही उक्त आयु के लक्षित किशोर एवं किशोरियों को टीडी वैक्सीन से आच्छादित किये जाने से नियत समय में आशातीत आच्छादन की प्राप्ति हो सकती है। जिसमे आर.बी.एस.के. टीम के माध्यम से टीकाकरण कराया जाय।
विद्यालयों में आयोजित होगा टीकाकरण कार्यक्रम:
जारी पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि आर.बी.एस.के. टीम में कार्यरत चिकित्सक द्वारा यह सुनिश्चित किया जाय कि विद्यालयों निर्धारित कार्यायोजना में टीडी टीकाकरण समायोजित हो। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा यह सुनिश्चित किया जाय कि आर.बी.एस.के. टीम में इंजेक्शन लोड के अनुसार आवश्यक टीकाकर्मी टीम में कार्यरत ए.एन.एम. को सहयोग हेतु उपलब्ध हो।प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा इंजेक्शन लोड के अनुसार आवश्यक मात्रा में वैक्सीन , सिरिंज एवं अन्य संबंधित लॉजिस्टिक्स के साथ-साथ एनाफ्लेक्सिस किट की उपलब्धता आर.बी.एस.के. टीम को सुनिश्चित कराया जाये। आर.बी.एस.के. टीम में कार्यरत चिकित्सक द्वारा विद्यालय प्रबंधन से टीकाकरण हेतु आवश्यक समन्वय स्थापित कर टीकाकरण का कार्य कराना सुनिश्चित किया जाय।
कर्मियों को दिया जायेगा प्रशिक्षण:
आर.बी.एस.के. टीम टीडी टीकाकरण के पश्चात् इसका दैनिक प्रतिवेदन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को उपलब्ध कराएगी। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा दैनिक प्रतिवेदन में प्राप्त आच्छादन आंकड़ों को संकलित कराकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर एच. एम.आई.एस. के मासिक प्रतिवेदन में प्रखंड मूल्यांकन एवं अनुश्रवण सहायक / डाटा ऑपरेटर के माध्यम से प्रतिवेदित कराया जाय। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी द्वारा उक्त कार्य से संबद्ध पदाधिकारियों एवं कर्मियों का टीडी टीकाकरण से संबंधित आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था कराना सुनिश्चित किया जाय।