सर्पदंश हो तो झाड़फूंक के चक्कर में न पड़ें, पहुंचे सरकारी अस्पताल मौजूद है सर्प दंश का सफल इलाज: डॉ संतोष कुमार

छपरा

सारण: बरसात का मौसम शुरू हो गया है, ऐसे में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में। हालांकि लोगों में जागरूकता की कमी के चलते मरीज को समय पर उपचार नहीं मिल पाता है उसकी मौत हो जा रही है। ऐसे में जैसे ही पता चले कि उसे किसी सर्प ने डसा है, तो झाड़फूंक के चक्कर में न पड़ें। मरीज को सीधे सरकारी अस्पताल ले जाएं। वहां एंटीवेनम इंजेक्शन लगवाकर उसकी जान बचाई जा सकती है।

आज छपरा सदर अस्पताल में भर्ती एक बच्चे के मामले में ऐसा ही कुछ देखने को मिला जिसे देख सभी लोग दंग रह गए दरअसल सारण जिले के खैरा थाना क्षेत्र के अरवा कोठी गांव निवासी सोनू कुमार के ढाई वर्षीय पुत्र को एक विषैले सर्प ने दंश लिया जिससे उसकी हालत देखते ही देखते गंभीर हो गई वही कुछ लोगो ने झाड़ फूंक की सलाह दी लेकिन घरवालों ने सदर अस्पताल का रुख अपनाया वही ड्यूटी पर मौजुद चिकित्सक ने तुरंत ही इलाज शुरू कर दिए और बच्चे को बचा लिया गया। वही चिकित्सक ने लोगो से अपील करते हुए कहा की आधुनिक युग में लोगो को जागरूक होना होगा अब झाड़फुंक में समय व्यतीत करने से बेहतर है पीड़ित को अस्पताल लाया जाएं।

उन्होंने आगे बताया कि किसी भी व्यक्ति को सांप डस लें तो मरीज को सबसे पहले सीधा लेटा दें और बिना विलंब किए जल्द से जल्द अस्पताल ले जाने का प्रयास करें। उसे पैदल नहीं चलाए। किसी एंबुलेंस या वाहन से ले जाएं। जहां पर सर्प ने डसा है उसके ऊपर और आसपास दो जगहों पर कपड़े या डोरी से बाध दें। बांधते समय बहुत कड़ाई से न बाधें। संभव हो तो सर्प को भी अच्छी तरह देख लें जैसे उसका रंग ताकि चिकित्सक को अनुमान लग जाए कि वह कौन सा सर्प हो सकता है, इससे इलाज करने में आसानी होगी। मरीज को सांत्वना देने के साथ शांत रखने की कोशिश करें।

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